सहन शक्ति ले जाती है परमात्मा की ओरः श्रृतानंद महाराज साहेब*

*27 को 90 श्रावक श्राविकाएं करेंगें आयंबिल, 28 को विजय वल्लभ गुरुगुणानुवाद तथा 29 को शत्रुंजय भाव यात्रा का  होगा आयोज JAIN HINDUSTAN NEWS



बीकानेर, 25 सितम्बर। रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में चल रहे चातुर्मास आयोजन के दौरान  सैकड़ों श्रावक श्राविकाओं द्वारा गुरु वंदन के बाद जैनाचार्य गच्छाधिपति नित्यानंद सुरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न जैन मुनि जैन मुनि पुष्पेंद्र म.सा. व प्रखर प्रवचनकार श्रृतानंद महाराज साहेब ने  फरमाते हुए कहा कि आदमी बुद्धि और बल से अत्यन्त शक्तिशाली तो हो सकता है लेकिन मोक्ष तब तक संभव नही उसमे सहन शक्ति नही हो।  बुद्धि और बलशाली व्यक्ति अगर अपने से कमजोर का माफ करता है तो इसका अभिप्राय यह है कि ईश्वर के नजदीक है और यहां तक परमात्मा बनने तक के गुण रखता है, इसलिए किसी भी ताकतवर को मोक्ष चाहिए तो सबसे उसे सहन करने की ताकत बढ़ानी होगी। परमात्मा खुद ताकतवर होते हुए भी 12 सालों से अधिक समय तक अपनी सहन शक्ति से ही संयमित रहकर हर तरह के दोष और विकारों पर नियंत्रण रखने पाये। 
जैन मुनि श्रृतानंद म सा ने जैनचार्य हरिभद्र सूरीश्वरजी द्वारा लिखित ज्ञानवाणी के अनुसार फरमाते हुए कहा कि  हर इंसान परमात्मा बन सकता है लेकिन अपने दुनिया भर के विकारों से आत्मा को बंधन में बांध रखा है जिससे वो परमात्मा स्वरुप बाहर नही आ सकता है, इसलिए जीव को चाहिए की वह इन विकारों से आत्मा को मुक्त कराये और शील सयंम से परमात्मा बनने का रास्ता अपनाये। इसकी शुरूआत प्रेम, करूणा, त्याग और तपस्या से हो सकतीहै।
प्रवचन उपरांत आत्मानंद जैन सभा एवं चातुर्मास समिति के सुरेन्द्र बद्धानी ने बताया कि चार्तुमास प्रचवन मे प्रतिदिन चार सौ अधिक श्राविक श्रााविकाऐं नियमित प्रवचन श्रवण करने आते है। इस अवसर पर पंजाब केसरी श्रीमद् विजयवल्लभ सूरीश्वर महाराज की 70वीं पुण्यतिथि पर 27 सितम्बर को  में 90 से अधिक श्रावक श्राविकाऐं आयंबिल करेंगें तथा 28 सितम्बर को पौषधशाला मे ही गुरु गुणानुवाद तथा एक शाम गुरु वल्लभ के नाम संगीत संध्या का आयोजन होगा। इस आयोजन का लाभार्थी परिवार देवेन्द्रकुमार, सुरेन्द्रकुमार, यतिन्द्रकुमार, वीरेन्द्रकुमार जैन ओसवाल साॅप ग्रुप, जयपुर है ।
हनुजी कोचर ने बताया कि 29 सितम्बर को प्रथम तीर्थंकर परमात्मा श्री आदिनाथ भगवान की कल्याणक भूमि शत्रुंजय भाव यात्रा का आयोजन रांगड़ी चैक स्थित पौषधशाला में आयोजित होगी तथा दोपहर 12 बजे गौड़ी पार्श्वनाथ मंदिर में साधर्मिक स्वामी वात्सल्य का आयोजन होगा।  मंदिर श्री पदम प्रभु ट्रस्ट के अजय बैद ने बताया कि आज की संघ पूजा व प्रभावना ओसवाल साॅप परिवार, जयपुर की ओर से की गई। Jain Hindustan News

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