अपने दोष गुरु के सामने रख दो वह आपको मुक्त होने का मार्ग बता देगाः श्रृतानंद
जैन मुनि ने धर्म व गुरू की महिमा पर दिया आज का प्रवचन, लोगस व आयम्बिल के लिए लिखवाया जा सकता है नाम JAIN HINDUSTAN NEWS-:
बीकानेर,र। जीवन मे दिखावा नहीं होना चाहिए, सहज सरल मनुष्य ही मोक्ष प्राप्त करता है। जीव को अपने पथ प्रदर्शक के सामने प्रायश्चित कर लेना चाहिए। अगर आपने किसी भी कारण किसी पर भी गुस्सा किया या है, नशे का सेवन किया है, किसी नारी के प्रति गलत मंशा रखी है, चोरी की मंशा दिमाग मे आ रही है तो आपको त्वरित रूप से गुरु के समक्ष पेश होकर अपना प्रायश्चित कर लेना चाहिए। आप अपने दोष गुरु के सामने रख दो वह आपको मुक्त होने का मार्ग बता देगा। जिसको भी मानो उसके से पारदर्शिता जरूरी है। यह प्रवचन आज रांगड़ी चैक स्थ्ति पोषधशाला मे चल रहे चातुर्मास आयोजन के दौरान उपस्थित सैकड़ों श्रावक श्राविकाओं के समक्ष जैनाचार्य गच्छाधिपति नित्यानंद सुरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न जैन मुनि प्रखर प्रवचनकार श्रृतानंद महाराज साहेब ने कहे।
मुनि श्रृतानंद म सा ने कहा कि जीवन में पवित्र पुरुष का कंधा और पवित्र नारी की गोद हो तो उस व्यक्ति की हर क्षेत्र में सफलता सुनिश्चित है। गुरु ऐसा डस्टबिन होता है खुद तो गंदा नही होगा लेकिन आपकी गंदगी समेट लेगा, इसलिए गुरु के समक्ष आपको अपने पापों को मानकर प्रायश्चित करना चाहिए। गुरु आपके मन की स्थिति समझकर समाधान भी दे देगा। महाराज साहेब ने केवल दान पुण्य को ही मोक्ष का मार्ग नही माना बल्कि धार्मिक संलग्नता को मोक्ष का मार्ग माना है। उदाहरण के रूप मे महाराज साहेब ने कहा कि दान धर्म वाला एक इंसान जीनालय तो बना लेता है लेकिन पूजा नही करता, खूब दान तो देता है लेकिन सामयिकी नही करता है तो मोक्ष मुश्किल है।
प्रवचन आयोजन से पूर्व जैन मुनि पुष्पेंद्र म.सा. व मुनि श्रृतानंद के समक्ष श्रावक श्राविकाओं ने सामूहिक गुरु वंदना की तदोपरांत जैन मुनि ने चातुर्मास प्रवचन की शुरुआत मंत्रोच्चार व भजन के साथ की। प्रवचन उपरांत पुष्पेंद्र महाराज साहेब द्वारा पचखान दिया गया।
आत्मानंद जैन सभा चातुर्मास समिति के सुरेन्द्र बद्धानी ने बताया कि जैन मुनियों के सान्निध्य में श्रावक श्राविकाओं के लिए लोगस प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इस प्रतियोगिता का 9 अक्टूब्र तक नाम लिखाया जा सकता है। शनिवार 21 तारीख को कला मंदिर में सुबह शांति सुरीश्वरजी गुरुदेव का अभिषेक किया जायेगा तथा मंगलमय संस्थापन के बाद स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया जायेगा।
मंदिर श्री पदम प्रभु ट्रस्ट के अजय बैद ने बताया कि वल्लभ गुरु की 70वीं पुण्यतिथि पर आयंबिल के लिए नाम लिखवाया जा सकेगा। आज की संघ पूजा व प्रभावना ओसवाल साॅप ग्रुप जयपुर की ओर से की गई। Jain hindusthan news