*परोपकार समय देखकर नही किया जाता, हर परिस्थिति मे संभव हैः जैन मुनि श्रृतानंद jain hindusthan news –
परोपकार समय देखकर नही किया जाता, हर परिस्थिति मे संभव हैः जैन मुनि श्रृतानंद
रांगड़ी चैक पौषधशाला में जैनाचार्य हरिभद्र सूरी की ज्ञानधारा से बहा आज का प्रवचन
बीकानेर, 18 सितम्बर । रांगड़ी चैक स्थित पौषधशाला मे चातुर्मास आयोजन मे आज के कार्यक्रम की शुरूआत जैन मुनि पुष्पेंद्र म.सा. के समक्ष श्रावक श्राविकाओं ने सामूहिक गुरु वंदना करते हुए की तदोपरांत जैन मुनि ने चातुर्मास प्रवचन की शुरुआत ने मंत्रोच्चार व भजन के साथ की।
आज के प्रचवनों मे मुनि श्रृतानंद म.सा. ने अपने प्रवचनांे में जैनाचार्य हरिभद्र सूरी जी द्वारा लिखित पुस्तिका से उद्धत ‘लेश्या’ के बारे मे बताते हुए कहा यह हमारे किसी भी विषय मे जुड़े अच्छे बुरे राग अनुराग मंशा और भाव का प्रतिनिधित्व करती है। लेश्या शुभ अशुभ, अच्छी बुरी दोनों प्रकार की होती है।
मुनि ने कहा कि हर श्रावक श्राविका की लेश्या शुभ होनी चाहिए। मुनि के अनुसार लोगों के माध्यम से धर्म तो बढ़ रहा है लेकिन इसका रस नही बढ़ रहा है अर्थात लोग धर्म के नाम पर आयोजन तो खूब करते है, आडम्बर के अतिरेक तक पहुंच जाता है लेकिन छोटे छोटे धार्मिक कर्म करने से भी जो आत्मिक शांति से मिलती है वो लेश्या ही आनन्द की अनुभुती करवाता है वो बढ़ना चाहिए अर्थात धर्म मत बढ़ाओ, धर्म में रस को बढ़ाओ। परोपकार के लिए नो प्लानिंग, जैसे आॅक्सीजन का कोई टाइम नही वैसे ही शुभ लेश्या के लिए कोइ्र समय विशेष नही देखना चाहिए। मुनि ने पाप वाली लेश्या को छोड़ने कहां उन्होनें कहा कि पाप का रस छूट जाएगा तो पाप भी बंद हो जाएगा इसके लिए सभी लोगों को मिलकर पाप को नपुंसक करें।
आत्मानंद जैन सभा चातुर्मास समिति के सुरेन्द्र बद्धानी ने बताया की दोपहर तीन बजे विमलनाथ देव का भक्ति जाप किया गया व आज की सकल संघ पूजा का तथा प्रभावना का लाभ ओसवाल ग्रुप जयपुर द्वारा की गई ।
प्रबन्धकीय व्यवस्था देख रहे मंदिर श्री पदमप्रभु ट्रस्ट के अजय बैद व शांति लाल कोचर हनुजी के साथ विभिन्न कार्यो में सहयोगी कार्यकर्ताओं ने जैन मुनियों के सानिध्य में 28 सितम्बर को होने वाले गुरू वल्लभ की पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की। Jain Hindustan News